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Ufff Yeh Siyapaa: एक संवादहीन कॉमेडी की समीक्षा

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फिल्म का परिचय

ग अशोक की Ufff Yeh Siyapaa एक ऐसी फिल्म है, जिसमें संवादों की कमी ही इसकी पहचान है। यह फिल्म अपने अनोखे तत्व के अलावा और कुछ नहीं पेश करती।


कहानी का सार

116 मिनट की यह फिल्म एक हास्यपूर्ण गलती की कहानी है, जिसमें एक गलत भेजा गया पार्सल, दो समान दिखने वाले लोग और कुछ मृत शरीर शामिल हैं। केसरिलाल (सोहम शाह) एक ड्रग्स का पैकेज प्राप्त करता है, जबकि वह अपनी पड़ोसी कमिनी (नोरा फतेही) पर ध्यान केंद्रित करने में व्यस्त है, जिससे उसकी पत्नी पुष्पा (नुशरत भरुचा) के साथ संबंध बिगड़ जाते हैं।


अगर उसने उस पार्सल को खोला होता, तो शायद सभी की परेशानी कम हो जाती। फिर केसरिलाल को रावण्या (फिर से नुशरत भरुचा) का सामना करना पड़ता है, जो उसकी पत्नी का हूबहू रूप है। केसरिलाल को यह तय करना है कि हाल ही में मृत रावण्या के साथ क्या करना है, पुष्पा के आंसुओं को संभालना है, और पुलिस इंस्पेक्टर हसमुख (ओमकार कपूर) से भी निपटना है, जबकि कमिनी के प्रति अपनी उत्तेजना को नियंत्रित करना है।


फिल्म की विशेषताएँ

यह फिल्म एक सीमांत सेक्स कॉमेडी है, जिसमें शारिब हाशमी रावण्या के साथी के रूप में हैं। संवादों की अनुपस्थिति को एआर रहमान के जीवंत साउंडट्रैक से भरा गया है। हालांकि अभिनेता बोलते नहीं हैं, लेकिन फिल्म की कॉमेडी काफी जोरदार है।


फिल्म में दृश्य हास्य और स्लैपस्टिक का भरपूर उपयोग किया गया है, लेकिन Ufff Yeh Siyapaa में हंसने के लिए बहुत कम प्रभावी क्षण हैं। एक शारीरिक रूप से अस्वस्थ केसरिलाल को बार-बार अपने पेट को दिखाते हुए देखना या रावण्या की समस्या से निपटते समय खुद को उलझाते हुए देखना मजेदार नहीं है। अंतिम घंटे में घटनाएँ तेज होती हैं, जब पूरा कास्ट एक ही स्थान पर इकट्ठा होता है और एक-दूसरे के रास्ते में आता है।


निष्कर्ष

सिंगीतम श्रीनिवासा राव के Pushpaka Vimana (1987) की यादें संजोना व्यर्थ है, जो एक बेहतरीन संवाद-रहित फिल्म थी। Ufff Yeh Siyapaa में केवल नुशरत भरुचा ही कमिनी और चालाक रावण्या के रूप में ध्यान आकर्षित करती हैं।


ट्रेलर


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